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लेखक:

मुकेश भारद्वाज

मुकेश भारद्वाज इंडियन एक्सप्रेस और जनसत्ता में काम करने का एक सुकून यह रहा कि नौकरी और जुनून दोनों में खास फ़र्क़ नहीं रहा। 1988 में जनसत्ता में बतौर ट्रेनी शुरुआत, फिर इंडियन एक्सप्रेस के लिए पत्रकारिता और 2006 में जनसत्ता चंडीगढ़ का स्थानीय सम्पादक बनने की कड़ी में अंग्रेज़ी के साथ हिन्दी में भी काम करने का मौक़ा मिला। हिन्दी में काम करने की शुरुआत ने हाशिये पर से सत्ता को समझने का नया नज़रिया दिया। यह सच है कि जब आप जनता की भाषा में पत्रकारिता करते हैं तो उस समाज और संस्कृति को लेकर तमीज़दार होते हैं जिसका आप हिस्सा हैं।

अनुभव यही रहा कि पत्रकारिता एक ऐसी विधा है जिसमें आप जब तक विद्यार्थी बने रहेंगे ज़िन्दा रहेंगे और इसमें मास्टरी होने की ख़ुशफ़हमी ही आपको इससे बेदखल कर देगी। पिछले कुछ समय से समाज और राजनीति के नये ककहरे से जूझने की जद्दोजहद जारी है। आज संचार माध्यमों का सर्वव्यापीकरण हो चुका है। कुछ भी स्थानीय और स्थायी नहीं रह गया है। भूगोल और संस्कृति पर राजनीति हावी है। एक तरफ़ राज्य का संस्थागत ढाँचा बाज़ार के खम्भों पर नया-नया की चीख़ मचाये हुए है तो चेतना के स्तर पर नया मनुष्य पुराना होने की ज़िद पाले बैठा है। जनसत्ता के कार्यकारी सम्पादक और पत्रकार होने के नाते 2014 के बाद की बदली दिल्ली और बदले देश को जितना सीखा और समझा वह संकलित होकर ‘सत्ता का सत्य’ के रूप में आपके सामने है।

नक़्क़ाश

मुकेश भारद्वाज

मूल्य: $ 12.95

"अभिमन्यु: जेएनयू से जनांदोलन तक - साहित्य और संघर्ष की अनकही दास्तान"

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महाभारत : राजनीतिक मोक्ष का प्रवेश द्वार

मुकेश भारद्वाज

मूल्य: $ 15.95

"Barbreek: The Silent Witness of Power - Unveiling the Modern Echoes of Mahabharat's Forgotten Hero"

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राहुल गाँधी : नेता मोहब्बत वाला

मुकेश भारद्वाज

मूल्य: $ 14.95

"जनता का न्याय : 2024 के चुनाव में लोकतन्त्र की जीत"

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सत्ता का मोक्षद्वार : महाभारत

मुकेश भारद्वाज

मूल्य: $ 12.95

"महाभारत के नायकों से आज की राजनीति तक : धर्म और न्याय का पुनर्परीक्षण"

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सत्ता का सत्य

मुकेश भारद्वाज

मूल्य: $ 14.95

"सत्ता का सत्य : खबरों के बीच विचारों की अनकही कहानी"

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